हरियाणा में JJP का AAP से गठबंधन का मन; दुष्यंत चौटाला ने इस शर्त के साथ किया इशारा, जजपा उम्मीदवारों की घोषणा इसी महीने
Haryana Assembly Election JJP Alliance With AAP Dushyant Chautala News
Haryana Assembly Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। चुनावी मैदान में उतरने वाले सभी दल तैयारी में जुटे हुए हैं। चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है। वहीं विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में एक और नए गठबंधन के होने की संभावना है।
दरअसल, बीजेपी से अलग हो चुकी जननायक जनता पार्टी (JJP) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन का मन बनाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेजेपी के प्रधान महासचिव और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की तरफ से गठबंधन को लेकर इशारा कर दिया गया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि, विधानसभा चुनाव को लेकर जेजेपी और आम आदमी पार्टी के चुनावी समीकरण एक साथ सामने आ सकते हैं।
हालांकि, दुष्यंत चौटाला की ओर से आम आदमी पार्टी को सर्शत समर्थन देने और गठबंधन की बात सामने आई है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि, दुष्यंत चौटाला यह चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी अगर कांग्रेस से अलग हो जाये तो फिर जेजेपी गठबंधन कर लेगी। लेकिन अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे समर्थन करते रहे तो जेजेपी का गठबंधन नहीं होगा। यहां यह बता दें कि, हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और काँग्रेस INDIA गठबंधन के तहत साथ-साथ चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
वहीं दुष्यंत चौटाला का कहना है कि, अभी गठबंधन को लेकर किसी दल से कोई बातचीत नहीं हुई है। दुष्यंत के मुताबिक, हरियाणा में पूरे पाँच साल की स्थायी सरकार चाहने और चलाने वाले दलों के साथ जेजेपी का गठबंधन किया जा सकता है। वहीं चौटाला ने कहा कि, जेजेपी का आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन हो, इसके लिए पहले आप को ही पहल करनी होगी।
फिलहाल, जेजेपी सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। लेकिन चुनाव से पहले जेजेपी के खेमे में असंतुष्टो की कतार लग गई है और इस्तीफे हो रहे हैं। जेजेपी के 10 में से 6 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। जिन पर काँग्रेस और बीजेपी की नजर है। दूसरी तरफ दुष्यंत चौटाला और जेजेपी की निगाह भी बीजेपी-कांग्रेस के असंतुष्टो पर टिकी हुई है। जेजेपी इस कोशिश में है कि, बीजेपी-कांग्रेस के रूठों को अपने खेमे में लाया जा सके।
जजपा उम्मीदवारों की घोषणा इसी महीने
जेजेपी के प्रधान महासचिव और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने यह जानकारी भी दी है कि, विधानसभा चुनाव के लिए जजपा उम्मीदवारों की घोषणा कब की जाएगी। दुष्यंत चौटाला का कहना है कि, 1 सितंबर से पहले जेजेपी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक होगी। जिसमें हरियाणा की अलग-अलग सीटों को लेकर तय किए जाने उम्मीदवारों पर चर्चा होगी और इसके बाद उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी।
युवा उम्मीदवारों को प्राथमिकता
इस विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी (JJP) सबसे ज्यादा युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी। दुष्यंत चौटाला का कहना है कि, विधानसभा चुनाव में जेजेपी युवा उम्मीदवारों को प्राथमिकता देनी जा रही है। वहीं दुष्यंत ने कहा कि, जेजेपी ने हाल ही में अग्निवीरों को मुफ्त शिक्षा देने जैसी कई बड़ी घोषणाएँ की हैं। वहीं जेजेपी जल्द ही महिलाओं, किसानों और कमेरे वर्ग के हित में और घोषणायें करेगी। दुष्यंत का कहना था कि, जेजेपी ने 2019 के घोषणा पत्र के प्रत्येक बिन्दु पर काम किया है और इसी तरह हम आगे भी काम करेंगे।
विधायकों के जाने पर क्या बोले दुष्यंत?
चुनाव से पहले जेजेपी छोड़ने वाले 6 विधायकों को लेकर भी दुष्यंत चौटाला ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, हमने विधायकों को मान-सम्मान देने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी और जेजेपी से ज्यादा मान-सम्मान उन्हें और कहीं नहीं मिलने वाला। इसलिए पार्टी छोड़ने की उनकी क्या वजह रही। ये वही जाने।
राज्यसभा उम्मीदवार उतारने में डर गई कांग्रेस
पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यसभा चुनाव पर भी बयानबाजी की। चौटाला ने कहा कि, अगर अभी जेजेपी के पास 10 विधायक होते तो वे राज्यसभा के उम्मीदवार का नामांकन भरवा देते लेकिन पूर्व सीएम हुड्डा के पास 30 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है मगर फिर भी वह राज्यसभा उम्मीदवार उतारने में डर गए।
चौटाला ने कहा कि, मैदान में हथियार डालने से अच्छा है कि लड़ा जाये। क्योंकि लड़ने वालों की ही जीत होती है।दुष्यंत का कहना था कि, अगर हुड्डा हिम्मत दिखाते हैं तो खुद उनके साथ जाकर उनके उम्मीदवार का नामांकन भरने को तैयार हैं। मगर हुड्डा हिम्मत नहीं दिखा पाएंगे।
इससे पहले दुष्यंत चौटाला ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, 21 अगस्त हरियाणा राज्यसभा उपचुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि है। अब तो हमारे 4-5 विधायक भी कांग्रेसी हो चुके हैं। अब तो कांग्रेस का उम्मीदवार चुनाव जीतने के क़रीब है। अगर भूपेन्द्र हुड्डा की बीजेपी से साँठ-गाँठ नहीं है तो वो राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करे। हम पहले से ही बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट करने का वादा कर चुके है। दुष्यंत ने एक शेर भी लिखा था- जेल के डर से बार-बार बिकता रहे, उधर का हो और इधर का दिखता रहे।
हरियाणा में 1 फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग
हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक फेज में होगा। हरियाणा में 5 सितंबर को नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 12 सितंबर होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 13 सितंबर को की जाएगी। जबकि 16 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 1 अक्टूबर को होगी। जबकि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का रिजल्ट एकसाथ 4 अक्टूबर को डिक्लेयर किया जाएगा।
हरियाणा में कितने पोलिंग स्टेशन और कितने वोटर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी है कि, हरियाणा के 22 जिलों में कुल 90 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इन 90 सीटों में 73 जनरल, 0 ST और 17 SC सीटें हैं। वहीं हरियाणा में कुल वोटरों की संख्या 2.01 करोड़ है। इन कुल वोटरों में 1.06 करोड़ पुरुष और 0.95 करोड़ महिला वोटर शामिल हैं।
वहीं हरियाणा में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 40.95 लाख है। जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 4.52 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा में 10 हजार 495 लोकेशन पर 20 हजार 629 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां लोग वोट डालने के लिए आएंगे।
हरियाणा में इस बार जल्दी विधानसभा चुनाव
हरियाणा में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है। यानि हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त हो जाएगा। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुआ था। तब चुनाव आयोग ने 27 सितंबर को चुनावी नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की थी और 4 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए गए थे। वहीं 7 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की तिथि थी। जबकि 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 21 अक्टूबर को हुई थी। जिसके बाद 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव में पड़े वोटों की गिनती की गई और रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया गया था।
किसी भी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए किसी पार्टी को अकेले दम पर 46 सीटों की जरूरत होती है। लेकिन रिजल्ट के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 40 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 31 सीटें, जेजेपी ने 10 और अन्य ने 9 सीटें हासिल की थी। जिसके बाद बीजेपी और जेजेपी ने आपस में गठबंधन किया और राज्य में सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में गठबंधित सरकार चलाई। इस दौरान जेजेपी प्रधान महासचिव दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम रहे।
लेकिन यह गठबंधित सरकार इस साल लोकसभा चुनाव से पहले बिखर गई। 12 मार्च को बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया और इसके साथ ही मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने सरकार बनाने के लिए तय विधायकों की संख्या के हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समय नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में बीजेपी सरकार है। वहीं इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी कांग्रेस, जेजेपी और आप के बीच चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है। उधर इनेलो भी इस बार पूरी दमखम के साथ मैदान में है।
इनेलो और मायावती की बीएसपी पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार देखना यह होगा हरियाणा की जनता किस पार्टी को सत्ता में बैठाती है। ज्ञात रहे कि, हरियाणा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लग चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतीं थीं तो वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। ये सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। जिसे 2019 में एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली थी।
रिपोर्ट- आदित्य शर्मा